कानपुर की रहने वाली रिद्धिमा उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो जीवन में कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ना चाहते हैं। जन्म से ही उनकी मांसपेशियों में कमजोरी थी, जिसके कारण वे व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। लेकिन इस शारीरिक चुनौती ने उनके सपनों की उड़ान को कभी रोक नहीं पाया।
रिद्धिमा ने बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी शिक्षा में लगातार मेहनत की और अब उनका चयन प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर में हुआ है। उनका सपना है कि आगे चलकर वे समाज के लिए कुछ नया और सार्थक योगदान दें।
उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय परिवार के सहयोग और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति को दिया। रिद्धिमा का मानना है कि अगर व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती।
भविष्य की योजना
रिद्धिमा का लक्ष्य आने वाले समय में उच्च शिक्षा के साथ-साथ रिसर्च के क्षेत्र में भी काम करना है। वे चाहती हैं कि उनकी कहानी अन्य युवाओं को प्रेरित करे और समाज में जागरूकता फैलाए कि विकलांगता कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि हौसला और मेहनत किसी भी कठिनाई को मात दे सकती है।
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