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दुख: जीवन का अनमोल हिस्सा

 हमारे जीवन में सुख और दुख दोनों आते रहते हैं। लेकिन जब दुख आता है, तो हम अक्सर इसे जीवन की गलती मान लेते हैं। पर सच यह है कि दुख भी जीवन की प्रक्रिया का हिस्सा है — जो हमें मजबूत बनाता है, सिखाता है, और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।


दुख कोई सजा नहीं, बल्कि एक अवसर है — अपने भीतर झांकने का, खुद को समझने का और अपने जीवन के सही मायने जानने का। जैसे हर रात के बाद सुबह आती है, वैसे ही हर दुख के बाद सुख भी आता है।


दुख हमें सिखाता है कि कैसे जीवन को गंभीरता से लिया जाए। जब हम कठिनाइयों का सामना करते हैं, तभी हमारे भीतर की ताकत बाहर आती है। बहुत से लोग दुख में टूट जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो उस दुख को ताकत बना लेते हैं।


हमें यह समझना चाहिए कि जीवन हमेशा एक जैसा नहीं रहता। अगर आज मुश्किलें हैं, तो कल राहत भी होगी। हमें बस धैर्य, भरोसा और साहस के साथ आगे बढ़ते रहना है।


दुखी होना एक भावना है — उसे दबाना नहीं चाहिए। बल्कि उसे समझना चाहिए, महसूस करना चाहिए और उससे सीख लेनी चाहिए।


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 🌸 **दूसरों से तुलना न करें**

दुख और सुख केवल बाहरी मामलों


पर निर्भर नहीं करते। किसी और को देखकर यह सोचना कि वो ज्यादा खुश है, हमें और दुखी कर सकता है। हर इंसान की कहानी अलग होती है। इसलिए हमें अपनी यात्रा पर ध्यान देना चाहिए।


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### 🔚 निष्कर्ष:

दुख जीवन का अंत नहीं, एक नया आरंभ है। यह हमें तैयार करता है, मजबूत बनाता है और आने वाले उज्जवल भविष्य की नींव रखता है। जब हम दुख को स्वीकार करते हैं, तभी हम अपने जीवन को पूरी तरह से समझ सकते हैं।


इसलिए अगली बार जब दुख आए, तो घबराएं नहीं — बल्कि मुस्कुराकर कहें,  

**"मैं तैयार हूँ, तुमसे सीखने के लिए।"**



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